प्रस्तुत लेख में भगवान गणेश को समर्पित दो होलियां सिद्धि के दाता विघ्न विनाशन और तुम सिद्धि करो महाराज का संकलन कर रहे हैं। सिद्धि के दाता विघ्न विनाशक भगवान गणेश को समर्पित होली है। यह एक कुमाऊनी होली है। यह होली ज्यादातर होली की शुरुवात मे गाई जाती इस होली का प्रयोग, खडी होली, बैठकी होली तथा महिला होली कुमाऊ की तीनों प्रकार की होलीयों में गायी जाती है सिद्धि के दाता विघ्नों का विनाश करने वाले माँ गोरा के पुत्र स्वयं भगवान गणेश होली खेल रहे हैं। हे भवानी ! पहले अक्षत चन्दन लाओ आज सबसे पहले मे जगतपिता महादेवके पुत्र गणेश की पूजा करुगा । इसके अलावा एक कुमाऊनी होली गीत और है ,जिसका नाम है ,”तुम सिद्धि करो महाराज ” ये दोनों होली गीत भगवान गणेश जी के लिए समर्पित हैं।
सिद्धि के दाता विघ्न विनाशक lyrics –
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन, होली खेले गिरजापति नन्दन।
गौरी को नन्दन, मूसा को वाहन । होली खेलें गिरिजा पति नंदन ।।
लाओ भवानी अक्षत चन्दन । पूजूँ मैं पहले जगपति नन्दन ।।
होली खेलें गिरिजा पति नंदन गज मोतियन से चौक पुराऊँ,
अर्घ दिलाऊँ पुष्प चढ़ाऊँ ।होली खेलें…।
डमरू बजावै शंभू –विभूषन ।नाचै गावैं भवानी के नन्दन ।।
होली खेले………..।।
तुम सिद्धि करो महाराज –
तुम सिद्धि करो महाराज, होली के दिन में –२
गणपति गौर महेश मनावें, पर-पर मंगल काज,
होली के दिन में तुम..
राधा कृष्ण सकल बृजवासी, राखो सबकी लाज।
राम लछीमन भरत शत्रुघ्न, रघुकुल के सिरताज।
ब्रह्मा विष्णु महेश मनावें, घर-घर गावें फाग।
ब्रह्मा विष्णु सदा प्रतिपालक, खग दुःख को
इन्द्रादिक सुर कोटि तैंतीसा, राखो सबकी लाज।
बालक वृद्ध सब होली खेलें, खेलत सब बृज नारा।
पाचों पांडव होली खेलें, खेलत द्रोपति नार।
राम जी खेलें लछीमन खेलें, खेलत सीता माई |
जगदम्बा नव दुर्गा देवी, राखो हमरि लाज।
अबीर गुलाल के थाल सजे, घर-घर उड़त गुलाल ।
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