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Poeam

इस कैटेगरी में हम हिंदी कविताएं (poem ) गढ़वाली कविताओं , कुमाउनी कविताओं तथा अन्य भाषाओं जैसे , नेपाली , हिमाचली आदि भाषाओं की कविताएं संकलित करेंगे।

श्रीदेव सुमन जी की कविता

श्री देव सुमन पर कविता । Shri dev Suman par Kavita

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श्री देव सुमन पर कविता : इस गढ़भूमि का लाल था वो। सन उन्नीस और मई पच्चीस के जन्मकाल का था वो। पट्टी बमुंड और गांव जौल में। जहां खेलता था वो दोस्तों के संग लेकर तीर और, धनुष खेल ही खेल में। तात जिनके हरिराम बडोनी एक सुप्रसिद्ध वैद्य… Read More »श्री देव सुमन पर कविता । Shri dev Suman par Kavita

को छै तू

को छै तू ? शेर सिंह बिष्ट ” शेरदा अनपढ़ ” की कविता | Sherda Anpadh poem

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को छै तू ?  भुर-भुर उज्याई जसी जानि रते ब्याण । भिकुवे सिकड़ी कसि उडी जै निसाण ।। खित करने हसण और झऊँ कने चान्  क्वाथिन कुत्काई जै लगनु मुखक बुलान्।। मिसिर जै मिथ लागू के कार्तिकी मौ छे तू पूषेक पाल्यु जस ओ खड्यूनी को छै तू ।। दै… Read More »को छै तू ? शेर सिंह बिष्ट ” शेरदा अनपढ़ ” की कविता | Sherda Anpadh poem

Girda poem

गिर्दा की कविता | जैंता एक दिन तो आलो | सारा पानी चूस रहे हो | Girda poem

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गिर्दा की कविता – जैंता एक दिन तो आलो . Girda poem – ततुक नी लगा उदेख , घुनन मुनइ नि टेक, जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दुनी में। जै दिन कठुलि रात ब्यालि, पौ फाटला, कौ कड़ालो, जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दुनी… Read More »गिर्दा की कविता | जैंता एक दिन तो आलो | सारा पानी चूस रहे हो | Girda poem

वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम् गीत के बोल | Vande Mataram lyrics

वन्दे मातरम् ! सुजलाम् सुफलाम् मलय़जशीतलाम्, शस्यश्यामलाम् मातरम्। वन्दे मातरम्।। शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्, सुखदाम् वरदाम् मातरम्। वन्दे मातरम्।। कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले, कोटि-कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले, के बॉले माँ तुमि अबले, बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीम्, रिपुदलवारिणीं मातरम्। वन्दे मातरम्।। तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि हृदि तुमि मर्म, त्वम्… Read More »वन्दे मातरम् गीत के बोल | Vande Mataram lyrics