आज हम अपने इस लेख में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में विवाह के अवसर पर ,गाये जाने वाले कुछ मांगल गीतों के बोल ( Garhwali mangal geet lyrics in hindi ) संकलित कर रहें है। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल में ,परिवार में शुभ कार्यों ( शादी ,नामकरण, आदि ) के समय मंगल गीत गाये जाते हैं। गढ़वाल में इन्हे मांगल और कुमाऊं में शकुनाखर कहा जाता है।

हल्दी पर गाये जाने वाला गढ़वाली मांगल गीत “दे द्यावा दे द्यावा ” ( garhwali mangal geet lyrics in hindi )
दे द्यावा दे द्यावा मेरा बरमा जी,
दे द्यावा हल़दी का बान हे……
जिया रेयाँ जिया मेरा बरमा जी..
जौन दीनि हल़दी का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी माजी हे ..
दे द्यावा हल़दी का बान हे।
जिया रेया जिया मेरी बोडी जी,
जौन दीनि दै दूध का बान हे…
दे द्यावा दे द्यावा मेरी चाची जी,
दे द्यावा घ्यू तेल़ का बान हे
जिया रेया जिया मेरा पुफू जी,
जौन दीनि चन्दन का बान हे ..
दे द्यावा दे द्यावा मेरी भाभी जी,
दे द्यावा समोया का बान हे….
दे द्यावा दे द्यावा मेरी दीदी जी,
दे द्यावा कचूर का बान हे….
दे द्यावा कचूर का बान हे…
धूलि अर्घ पर गाया जाने वाला गढ़वाली मांगल गीत ( garhwali mangal geet lyrics in hindi )
को होलो मेरी धिया को जनीत ! कै द्योला आज धूलि़ अरघ !
जैका अंग होलो पीताम्बरी चोला। स्युई होलो तेरी धिया को जनीत।
जणदो नि छौं मैं पछणदो नि छौं मै ,कै द्योला आज धूलि़ अरघ।
जैका सिर होली सजीली पगड़ी ,जैका अंग होलो झिलमिल जामो।
जैका होला, जैका होला कान कुण्डल,जैका होला जैका होला हातु कंगन
तैई द्येण तैई द्येण धूलि़ अरघ ,तैई द्येण आज संख की पूजा।
जैका सिर होलो सोना को मुकुट ,जैका अंग होली पीताम्बरी धोती।
तैई द्येण आज धूलि़ अरघ ,स्युई होलो तेरी धिया को बर।
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले ,पैलो फेरो फेर लाडी, कन्या छै कुँवारी
दूजो फेरो फेर लाडी, ब्वे बाबु की प्यारी ,हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले।
तीजो फेरो फेर लाडी, भै बैण्यूँ की प्यारी। चैथो फेरो फेर लाडी, सौंजड़्यों की दुलारी।
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले ……..
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