माता रानी के भजन लिखित -1
आई सिंह पे सवार मैया
आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनड़ी।
ओढ़े चुनड़ी ओ भैया ओढ़े चुनड़ी।
ओढ़े चुनड़ी दुर्गे ओढ़े चुनड़ी अम्बे ओढ़े चुनड़ी।
आदि शक्ति है मात भवानी, जय दुर्गे मां काली।
बड़े बड़े राक्षस संहारे, रणचण्डी मतवाली।
करती भक्तों का उद्धार मैया ओढ़े चुनड़ी।
महिषासुर ने महाबली, देवों को खूब सताया।
छीन लिया इन्द्रासन और देवों को मार भगाया।
करी देवों ने पुकार मैया ओढ़े चुनड़ी।
दुर्गा का अवतार लिया, झट महिषासुर संहारा।
दूर किया देवों का संकट, असुर-दल हारा।
किया देवो पर उपकार मैया ओढ़े चुनड़ी।
जो कोई जिस मंशा से मैया द्वार तिहारे आता।
हर इच्छा होती पूरी और मुंह मांगा फल पाता।
तेरा गुण गावे संसार मैया ओढ़े चुनड़ी।
कष्ट अनेकों मुझको घेरे कौन हरे दुख मेरे।
नाम तेरा रटता हूं मैया मैं हर सांझ सवेरे।
भक्त करते हैं पुकार मैया ओढ़े चुनड़ी।
माता रानी के भजन लिखित -2
तेरे चरण कमल की मैया पावन रस मिल जाए।
कृपा करो जगदम्बे मैया हृदय कली खिल जाए।
ज्ञान ध्यान तप त्याग न जानूं मैं मूरख अज्ञानी।
मैं हूं पुत्र कुपुत्र तुम्हारा करुणा करो भवानी।
घोर निराशा का तम मैया अंतर से छंट जाए।
पापी अधम अकिंचित हूं मैं, तू है जग की माता।
तेरी कृपा जिसे मिल जाए, भवसागर तर जाता।
जन्म मरण के इस बंधन से मुक्ति मुझे मिल जाए।
तेरा नाम जपूं निशि बासर बोलूं जय जयकारे।
तेरे दर्शन पाकर मन के मिट जाते अंधियारे।
आठों याम हर पल रसना तेरे ही गुण गाए।
माता रानी के भजन लिखित -3
ब्रह्मा विष्णु शंकर आज्ञा में रहते हो
तुम हमको बतलाओ उनको क्या कहते हो
शेरावाली शेरावाली
सुर मुनि नर जहां ठाड़े सेवा में रहते हो
तुम हमको बतलाओ उनको क्या कहते हो
जलती है ज्योति जिसकी जग में निराली
भक्ति है जिसकी सच्ची कहते सवाली
जो भी जिसने है मांगा आशा सब पूरी की।
भगतां पाते हैं खुशियां जिसके द्वारे।
दुखियों के दुखड़े मिटाए और बिगड़ी संवारे।
जो भी मनाए ये मन जाए बड़ी दयालु।
भक्त गुण गाए तो मिट जाए दुख जीवन के।
मां को न कभी भुलाओ तुम अपने मन से ,
भक्त गुण किसका गाते किनसे लगन है लगी।
माता रानी के भजन लिखित -4
मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
जलती रहे जलती रहे मैया तेरी जोत सदा जलती रहे
किसने मैया तेरा भवन बनाया किसने चंवर डुलाया।
जलती रहे जलती रहे मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
भक्तों ने मैया तेरा भवन बनाया।
सेवक चंवर डुलाया ,
जलती रहे जलती रहे।
मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
लाल चूनर मैया अंग बिराजे।
चंदन तिलक लगाया
जलती रहे जलती रहे,
मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
माथे मैया के टीका बिराजे।
पुष्प माल पहनाया,
जलती रहे जलती रहे।
मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
हाथ मैया के त्रिशूल बिराजे।
शुम्भ निशुम्भ संहारा।
जलती रहे जलती रहे।
मैया तेरी जोत सदा जलती रहे।
विशेष – प्रस्तुत ब्लॉग में हमने माता रानी के पारम्परिक लिखित भजनों के संग्रह का संकलन किया है। माता के लिखित भजन नवरात्री पर और माता के विशेष पूजा अवसरों पर माता स्तुति गान में आपकी सहायता करेंगे। अगर आपको यह भजन संग्रह अच्छा लगे तो कृपया शेयर अवश्य करें।
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